सुपौल, सितम्बर 20 -- त्रिवेणीगंज, निज प्रतिनिधि। सुनने में भले अजीब लगे, लेकिन यह कड़वी सच्चाई है कि त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल में घायल और गंभीर मरीजों का इलाज डॉक्टर नहीं, बल्कि एम्बुलेंस ईएमटी (इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन) पद पर कार्य कर रहे रंजीत कुमार कर रहे हैं। हद तो यह है कि मात्र मामूली मरहम-पट्टी ही नहीं, बल्कि मरीजों की सिलाई से लेकर महिलाओं का बंध्याकरण ऑपरेशन भी वह बेरोक-टोक करते हैं। यह स्थिति न केवल सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलती है, बल्कि मरीजों की जिंदगी से हो रहे खिलवाड़ की कहानी बयां कर रही है। सरकार एक ओर स्वास्थ्य सेवा को लेकर बड़े-बड़े वायदे करती है, करोड़ों की योजनाएं चलाती है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। अनुमंडलीय अस्पताल त्रिवेणीगंज का हाल इसका ताजा उदाहरण है। यहां ऑपरेशन थियेटर में डॉक्टर क...