सुपौल, मार्च 21 -- जदिया, निज संवाददाता। बघैली पंचायत में दो दिवसीय संतमत सत्संग का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य प्रवचनकर्ता के रूप में महर्षि मेंही ब्रह्म विद्यापीठ हरिद्वार आश्रम से आए पूज्यपाद स्वामी व्यासानंद जी महाराज ने कहा कि सांस के बिना यह शरीर अधूरा है। उन्होंने कहा कि इस शरीर में सारा खेल सांसों का है। उन्होंने कहा कि 84 लाख योनियों से भटक कर मनुष्य तन मिलता है दूसरे शब्दों में पौने दो अरब वर्षों में एक बार मनुष्य शरीर की प्राप्ति होती है। संत व्यासानंद जी महाराज ने मीरा की पंक्ति मैंने लीनो गोविंद मोल पर मीरा के समर्पण भावना की चर्चा करते हुए कहा कि मनुष्य तुच्छ लाभ के लिए परम लाभ को छोड़ देता है। उन्होंने कहा कि संसारिक मोहमाया से मुंह मोड़ कर गुरु के चरणों में जो रम गया वह जिंदगी के कंटीले रास्ते को पार कर मोक्ष को पा लिया। उन्...