सुपौल, सितम्बर 29 -- छातापुर,एक प्रतिनिधि। प्रखंड मुख्यालय बाजार में अवस्थित सार्वजनिक दूर्गा मंदिर की आदिशक्ति मां दुर्गा की महिमा अपरंपार है। श्रद्धालुओं को मनोवांछित फल प्राप्ति का पांच दशकों से इस मंदिर का अपना गौरवशाली इतिहास रहा है। यहाँ सबसे खास बात यह है कि इस दूर्गा मंदिर में विभिन्न स्वरूपों वाली आदि शक्ति के वैष्णवी रूप की पूजा अर्चना होती है। दशहरा पूजा के दौरान नवमी के दिन कुम्हड़ की बलि देने की परंपरा यहां शुरुआत से ही रही है। यहाँ का दशहरा मेला इलाके में प्रसिद्ध है और दशमी के दिन प्रतिमा दर्शन के साथ भव्य मेले का लूत्फ उठाने हजारों लोगों की भीड़ जूटती है। यहां हर साल पूजा के अवसर पर संध्याकालीन भक्ति भजन कार्यक्रम आयोजित होता है। सार्वजनिक दूर्गामंदिर कमेटी में दशकों से जुड़े भक्तों की मानें तो दूर्गा मंदिर की स्थापना 56 वर्ष...