भागलपुर, मई 3 -- त्रिवेणीगंज । निज संवाददाता खेती के लिए आज सबसे बड़ी समस्या मजदूरों की उपलब्धता की है। इलाके के किसानों ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि पहले जहां गांवों में आसानी से खेत मजदूर मिल जाया करते थे, अब वहां भी मजदूरों की भारी कमी देखने को मिल रही है। जो मजदूर उपलब्ध हैं, वे भी अब अधिक मजदूरी मांगने लगे हैं। एक दिन की मजदूरी 400 से 500 रुपए तक पहुंच गई है, जो किसानों के लिए अतिरक्ति बोझ बन गया है। कटाई, सिंचाई, निराई और ढुलाई जैसे कार्यों के लिए यदि समय पर मजदूर न मिलें, तो पूरी फसल बर्बाद हो सकती है। कई बार किसान मजबूरन खुद और अपने परिवार के साथ खेतों में दिन-रात मेहनत करता है, जिससे उसकी सेहत और घरेलू जिम्मेदारियों पर भी असर पड़ता है। प्रवासी मजदूरों की कमी, मनरेगा की योजनाओं का प्रभाव और ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों की ओर ...