भागलपुर, मार्च 29 -- त्रिवेणीगंज। निज संवाददाता स्थानीय कृषि विभाग के अधिकारी पंकज कुमार ने किसानों से मोटे अनाज की खेती करने पर बल दिया है। बताया कि मध्यम और ऊंचाई वाले भूमि के लिए मरूआ, बाजरा, कोदो, चीना फसल सबसे उपयुक्त है। मोटा अनाज करीब तीन माह के बाद फसल तैयार हो जाता है। मोटे अनाज में कैल्शियम, मैग्नेशियम, आयरन सहित अन्य पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। सरकार मोटे अनाज पर शत-प्रतिशत अनुदान ही नहीं प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि भी देती है।

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