सुपौल, सितम्बर 27 -- त्रिवेणीगंज, निज प्रतिनिधि। त्रिवेणीगंज ही नहीं, बल्कि पूरे सीमांचल व कोसी इलाके में बड़ी दुर्गा मंदिर की महिमा दूर-दूर तक फैली हुई है। वेसे तो यहां सालोभर श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है लेकिन नवरात्र में मां दुर्गा के दरबार में हर रोज हजारों श्रद्धालु मन्नत पूरी होने पर अपने घर से पहुंचकर दंड प्रणाम देते हुए मंदिर आते हैं ।इस मंदिर की सबसे खास परंपरा यह है कि यहां मनोकामना पूरी होने पर श्रद्धालु छाती और हाथ पर कलश स्थापित करते हैं। यह परंपरा काफी पुरानी है।व और आज भी बिना किसी बदलाव के श्रद्धालु इस परम्परा को निभाते हैं। आजादी केपहले ही इस मंदिर की नींव एक छोटे-से झोपड़ी में रखी गई थी।तब तक त्रिवेणीगंज शहर बसा नही था तब बाजार कसहा बाजार हुआ करता था। बाद में कुछ ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से माता की पूजा शुरू की थी...