अररिया, फरवरी 25 -- निर्मली, एक संवाददाता। फागुन चढ़ते ही अब लोग होली की तैयारी में जुट गई है। अब धीरे धीरे शहर सहित ग्रामीण इलाकों में जगह जगह फाग गीत सुनने को मिल रहे हैं। वैसे तो होली को लेकर पहले जैसा उत्साह अब नहीं देखा जा रहा है। लोग इस प्राचीन परम्परागत त्यौहार को मनाने की तैयारी में है, ताकि इस सभ्यता को बचाए रखा जा सके। ग्रामीण मिश्रीलाल यादव, कपालेश्वर यादव, भगवानलाल कामत, आयोधी पासवान, रामानंद यादव, अमलेश कामत, मुरली कामत, मनीष मंडल आदि का कहना है कि अब पहले जैसा होली का पर्व और फाग गीत देखने और सुनने को नहीं मिल पा रहा है । जिससे कि इस परम्परा को बचाए रखने की चुनौती है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव की बसंती पुरवैया हवा में बलखाते होली गीत के स्वर अब कानों की गूंज से धीरे धीरे दूर होते जा रहे हैं. अब इसकी जगह टीवी और मोबाइल ने ...