निखिल पाठक, दिसम्बर 23 -- दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर सुनील गावस्कर के व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा करते हुए कई वेबसाइटों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को उनकी अनुमति के बिना व्यावसायिक लाभ के लिए नाम, तस्वीर या पहचान का अवैध रूप से इस्तेमाल करने पर रोक लगाई है। न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने कई आरोपियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और डीपफेक तकनीक के माध्यम से गावस्कर के व्यक्तित्व का उपयोग करने से भी रोका और इंटरनेट पर अपलोड की गई कुछ अश्लील सामग्री को हटाने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि आपत्तिजनक सामग्री को यूआरएल वेबसाइटों द्वारा 72 घंटों के भीतर हटा दिया जाना चाहिए और ऐसा करने में विफल रहने पर संबंधित सोशल मीडिया 'इंटरमिडिएरीज' को सामग्री हटा देनी चाहिए। बता दें कि सोशल मीडिया ''इंटरमिडिएरीज'' (एसएमआई)...