कानपुर, दिसम्बर 21 -- रूरा। सुदामा दीनहीन ब्राह्मण नहीं निष्काम कर्मयोगी थे, अपने कर्मयोग के बल पर उन्होंने ईश्वर का सानिध्य व कृपा प्राप्त की। रविवार को रूरा थाना ग्राउंड में भागवत कथा में सुदामा चरित्र का प्रसंग सुनाते हुए आचार्य ने यह उद्गार व्यक्त किए। वहीं वैदिक मंत्रोच्चार के बीच यज्ञ में पूर्णाहुति कराई गई। रूरा थाना परिसर में चल रहे श्री विष्णु महायज्ञ एवं मानस संगीत सम्मेलन के अंतिम दिन पहुंचे पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी ने अयोध्या से आए भागवताचार्य शशि भूषण दास को अंगवस्त्र भेंटकर स्वागत किया। इस मौके पर आचार्य ने सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहाकि मनुष्य स्वयं को भगवान बनाने के बजाय प्रभु का दास बनने का प्रयास करें, क्योंकि भक्ति भाव से जब प्रभु में वात्सल्य जागता है, तो भगवान अपने भक्त के पास दौड़े चले आते हैं। इस मौके पर आ...