रिषिकेष, नवम्बर 8 -- श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के सातवें दिन आध्यात्मिक वातावरण में सुदामा चरित्र का दिव्य प्रसंग सुनाया गया। गौड़ीय मठ थानों के त्रिदण्डी स्वामी भक्ति प्रसाद त्रिविक्रम महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण और उनके परम मित्र सुदामा के बीच निःस्वार्थ प्रेम की अद्भुत कथा का वाचन किया। शनिवार को जौलीग्रांट में आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के सातवें दिन कथा वाचक स्वामी त्रिविक्रम महाराज ने कहा कि सुदामा का जीवन सच्चे भक्त की निष्ठा, विनम्रता और भक्ति का प्रतीक है। भगवान अपने सच्चे भक्तों को कभी निराश नहीं करते और जो पूर्ण समर्पण से उनकी शरण में आता है, उसे उनकी असीम कृपा प्राप्त होती है। कथा के दौरान श्रद्धालु श्रीकृष्ण भक्ति में लीन हो गए और 'राधे-कृष्ण' के जयकारों से पूरा परिसर गूंज उठा। कथा ने जीवन में सच्चे प्रेम, त्याग और भक्ति ...
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