मुरादाबाद, मार्च 21 -- व्हाइट हाउस में चल रही राम कथा में कथा व्यास संत मुरलीधर महाराज ने कहा सुख का स्त्रोत के राम ही है। कलियुग में केवल राम नाम ही आधार है। जो व्यक्ति राम नाम रूपी नाव में सवार हो गया वह संसार रूपी भव सागर से तर जाता है। यह दूसरों का भी सहारा बन जाता है। राम नाम का सहारा लेने वाले ही जगत का सहारा बन जाते हैं। महाराज ने गोस्वामी तुलसी दास द्वारा रचित राम चरित मानस के बाल कांड में वर्णित राजा दशरथ के राम सहित चारों पुत्रों के नामकरण संस्कार,बाललीलाओं, विद्यारंभ संस्कार और अहिल्या उद्धार का प्रसंग भी सुनाया। महाराज ने कहा वास्तविकता यह है किसी भी मनुष्य को अपने भविष्य के प्रति जिज्ञासा नहीं होनी चाहिए। मगर सच यह भी है कि हर व्यक्ति इसे जानने को उत्सुक रहता है। वह अपने श्रेष्ठ सुख के पाने की चेष्टा में रहता है। यही वजह है क...