कानपुर, अक्टूबर 31 -- दिल्ली पब्लिक स्कूल के वार्षिक सांस्कृतिक मेले पैनोरमा 2025 के दूसरे दिन शुक्रवार को ''कान्हापुर से कानपुर तक'' की यात्रा में प्रतीक बनी मां गंगा को इकोज फ्रॉम गंगा ने गंगा के पवित्र प्रवाह को स्वर दे दिए। इसमें अतीत, वर्तमान और भविष्य को जोड़ती लय ताल के साथ सुर में सुर मिलाती नृत्यों से भरी कहानियों ने शांति-शक्ति दोनों का अहसास कराया। बच्चों ने मंच पर एक-एक कर कानपुर की कहानी, गंगा और तटों की जुबानी को सजीव कर दिखाया। सुंदर नृत्य के माध्यम से कान्हापुर के नामकरण की कहानी सुनाई गई । मुगलों ने जब कदम रखे तो अवधी के साथ उर्दू के घुले स्वाद को क्वायर व नृत्य से प्रस्तुत किया। ''रूह-ए- गंगा रूह- ए- मुगल'' में पूरी कहानी सुना दी गई। सांसों की माला गीत ने जो रुहानी शांति दी। माटी की मौन पुकार नृत्य नाटिका में नील की खेती...