सीवान, मार्च 23 -- सीवान, विधि संवाददाता। कभी सीवान जिले के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे सीवान सहकारी मिल के बंद होने से मिल से जुड़े कर्मचारी सड़क पर आ गए हैं। सरकारी उदासीनता के कारण मिल बंद होने से इसके प्रबंधन व संचालन पर बुरा असर पड़ा है। कर्मचारियों को उनका पारिश्रमिक मिलना भी बंद हो गया। बाद में मिल भी बंद हो गया। हालांकि इस बीच सहकारी सूता मिल से जुड़े 535 लोगों के लिए एक अच्छी व बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति विक्रम नाथ व संदीप मेहता ने सरकार को बकाया वेतन व अन्य लाभ के साथ भुगतान करने का निर्देश दिया है। बताया जा रहा कि मिल संचालन व श्रमिकों के भुगतान के लिए सीवान सहकारी सुता मिल कर्मचारी यूनियन ने एक लंबी लड़ाई लड़ी। इस क्रम में करीब 300 कर्मचारी संघर्ष के दौरान ही स्वर्ग सिधार गए। इस स...
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