मोतिहारी, नवम्बर 21 -- शहर का मोतीझील प्रशासनिक उदासीनता के कारण उपेक्षित पड़ा है। लालबाबू प्रसाद पाल, पप्पु सिंह, राकेश कुमार, गौतम सिंह ने बताया कि मोतीझील की भूमि करीब 300 एकड़ में आठ किलोमीटर लंबाई तक फैली है। मोतीझील की पैमाईश बरियारपुर से बेलवनवा मोहल्ले तक पूरी कर ली गयी है। अभी भी कुछ स्थानों पर मोतीझील अतिक्रमण का शिकार है। अतिक्रमण हटाने के साथ जिला प्रशासन को इसके सौंदर्यीकरण पर ध्यान देना चाहिए। लोगों ने बताया कि वन विभाग की ओर से केन्द्रीय सर्वे टीम मोतीझील का सर्वे किया था। टीम ने मोतीझील को वेटलैंड बनाने की सहमति जतायी थी। इसके लिये प्रस्ताव भी भेजा गया, लेकिन उसपर कोई ठोस कदम अब तक नहीं उठाया गया। नीरज सिंह व कुंदन कुमार ने बताया कि वेटलैंड बनने पर पक्षियों के आवासन की सुविधा बढ़ेगी। डुमरियाघाट की तरह प्रवासी पक्षियों का मो...