रामपुर, सितम्बर 6 -- जैन समाज का महापर्व दशलक्षण पर्व का नौवां दिन शुक्रवार को श्री पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर में उत्तम आकिंचन धर्म दिवस के रूप में मनाया गया। सुबह से ही श्री पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर और श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। सभी ने भगवान की पूजा-अर्चना कर आत्मशुद्धि और संयम का संकल्प लिया। दोपहर बाद आयोजित धर्मसभा में इंदौर से आई ब्रह्मचारिणी बबीता एवं ब्रह्मचारिणी प्रज्ञा दीदी ने कहा कि आंकिचन केवल भोजन या भौतिक सुखों का त्याग नहीं, बल्कि इच्छाओं पर नियंत्रण और आत्मा की पवित्रता का साधना है। मथुरा से आए शास्त्री अंकित जैन ने कहा कि आंकिचन का वास्तविक अर्थ है सीमित संसाधनों में संतोष पाना। यह धर्म हमें त्याग और संयम का संदेश देता है। न कोई मेरा, न मैं किसी का,धर्म आकिंचन इसी का नाम है। जब आपका खुद का...