वाराणसी, दिसम्बर 8 -- वाराणसी। विज्ञान संस्थान के रसायन विज्ञान विभाग के आचार्य सुब्रतो भट्टाचार्य ने रविवार को बीएचयू के मालवीय भवन में गीता प्रवचन करते हुए कहा कि सभी प्राणियों की देखने, सुनने और समझने की अपनी सीमा होती है। भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को अपना दिव्य स्वरूप दिखाने के लिए विशेष दृष्टि प्रदान की थी। प्रवचन में प्रो. भट्टाचार्य ने कहा कि बार-बार स्तोत्र वाचन और गायन से मन पवित्र होता है। इससे पहले भजन गायन संगीत एवं मंच कला संकाय के छात्रों और गीता वाचन श्रेय द्विवेदी ने किया। अतिथियों का स्वागत प्रो. उपेंद्र कुमार त्रिपाठी ने किया, जबकि संचालन प्रो. शरदिन्दु कुमार त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर प्रो. उदय प्रताप शाही, प्रो. आर.पी. मलिक, प्रो. राजकुमार, प्रो. मृत्युंजय देव पांडेय और प्रो. लता शर्मा आदि उपस्थित रहे।

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