सहरसा, सितम्बर 12 -- सहरसा। नगर निगम क्षेत्र के वार्ड संख्या 36 और 37 की सीमावर्ती सड़क इन दिनों दलदल में तब्दील हो गई है। महीनों से जमे पानी ने सड़क को तालाब का रूप दे दिया है। स्थिति यह है कि राहगीरों को ईंट और पत्थर पर पैर रखकर संतुलन बनाकर गुजरना पड़ता है। बावजूद इसके हर दिन कोई न कोई फिसलकर गिरता है और चोटिल हो रहा है। स्थानीय लोग कहते हैं कि यह सड़क लम्बी है और दोनों वार्डों की सीमा पर पड़ती है। यही वजह है कि सालों से उपेक्षा की शिकार बनी हुई है। न तो कोई जनप्रतिनिधि इसे अपनी प्राथमिकता मानता है और न ही नगर निगम इस समस्या का स्थायी समाधान कर पाया है। वार्ड 36 और 37 की यह सीमावर्ती सड़क आज स्थानीय प्रशासन की लापरवाही और उपेक्षा का प्रतीक बन गई है। जलजमाव की समस्या आमजन के लिए न केवल असुविधा, बल्कि गंभीर हादसों का कारण बन चुकी है। अब ...