किशनगंज, मार्च 2 -- किशनगंज। हिन्दुस्तान प्रतिनिधि जमाने को क्या दोष दें साहब। यहां तो बाबुल ही बैरन हो गयी। उनकी नासमझी ने कहीं का नहीं छोड़ा। इस कच्ची ( नाबालिग) उम्र में मुझे क्या पता शादी- ब्याह और निकाह। यह पीड़ा उन बेटियों की हैं जिनके हाथ से मां के आंचल नहीं छूटे थे और उनके पेट में बच्चे पलने लगे हैं। बाली उमर में ब्याह कर मां बनने का खुलासा स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े से हुआ है। सीमांचल में बाल विवाह के बढ़ते मामले सरकार के लिये चिंता का विषय बन गयी है। गृह विभाग के सचिव ने सभी जिले के डीएम एसपी को खत भेज कर बाल विवाह के खिलाफ कड़े एक्शन लेने को कहा है। बताया जाता है कि सीमांचल के किशनगंज, पूर्णिया, अररिया, कटिहार में 8,575 बेटियां 15 से 18 वर्ष की उम्र में मां बनने वाली है। किशनगंज में 1423, पूर्णिया में 3154, अररिया में 2176, कटिहार मे...