नागपुर, जून 29 -- Chief Justice of India: भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) भूषण रामकृष्ण गवई ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा SC/ST के भीतर क्रीमी लेयर सिद्धांत को लागू करने की मान्यता देना बतौर न्यायाधीश उनके करियर के सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में से एक रहा है। उन्होंने इसे सामाजिक न्याय को परिष्कृत करने की दिशा में एक निर्णायक कदम बताया। उन्होंने कहा, "उच्च पद पर बैठे SC/ST जाति के अधिकारियों के बच्चों को उन्हीं लाभों का पात्र मानना आरक्षण की मूल भावना को कमजोर करता है। वह इसी का लाभ लेकर इस पद पर पहुंचे हैं।" CJI गवई ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में यह बातें कही हैं। यह टिप्पणी उस जनहित याचिका (PIL) पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद आई है जिसमें SC/ST समुदाय के भीतर उप-वर्गीकरण (sub-categorisation) को मंजूरी दी गई है त...