बरेली, मई 25 -- मरने वाले हिस्ट्रीशीटर बदमाश बाबू खां और आरोपी अहसान के बीच पूर्व में गहरी दोस्ती थी। दोनों कई वारदात एकसाथ अंजाम दे चुके थे और साथ ही जेल भी गए। मगर अब तक इसका कारण सामने नहीं आया है कि अहसान ने बाबू की हत्या क्यों की। पुलिस कई बिंदुओं पर इसकी जांच कर रही है। इंस्पेक्टर प्रवीन सोलंकी ने बताया कि मृतक बाबू खां की वर्ष 1999 में भोजीपुरा थाने में हिस्ट्रीशीटर खोली गई थी। वर्ष 1998 में सीबीगंज क्षेत्र में हुई डकैती व हत्या के मामले में बाबू खां और हत्यारोपी अहसान खां सह अभियुक्त रहे थे। इसके अलावा वर्ष 1999 में भोजीपुरा में भी लूट की कोशिश के मामले में दोनों सह अभियुक्त रहे थे। बाबू पर दो और अहसान खां पर लूट, डकैती, हत्या के चार मुकदमे दर्ज हैं। उन्होंने बताया कि साथ में वारदातों को अंजाम देने के चलते पूर्व में दोनों के बीच द...