नई दिल्ली, दिसम्बर 2 -- दिल्ली हाईकोर्ट ने साफ किया कि आपत्तिजनक ऑनलाइन कंटेंट को हटाने की मांग करने वाले लोगों को सीधे अदालत आने से पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से संपर्क करना चाहिए। न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने कहा कि अदालत की कार्यवाही में पेश होने वाले सोशल मीडिया अधिकारी खराब और गलत कंटेंट हटाने के लिए की गई ऐसी शिकायतों पर कोई आपत्ति नहीं करते हैं। पीठ ने बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन के पर्सनैलिटी राइट्स की रक्षा करते हुए एकतरफा अंतरिम रोक के आदेश देने के दौरान यह टिप्पणी की। पीठ ने कहा कि अलग-अलग लोगों द्वारा अपलोड की गई अभिनेता की दूसरी महिला सेलीब्रिटीज के साथ एआई से बनी तस्वीरें हटाने के लिए संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफार्म को रिपोर्ट किया जा सकता था। पीठ ने कहा कि इसलिए यह साफ किया जाता है कि अगर अब से कोई शिकायतकर्...