चंदौली, फरवरी 18 -- नौगढ़, हिन्दुस्तान संवाद। माता अमरा भगवती धाम परिसर में आयोजित नव दिवसीय श्रीराम कथा के पांचवें दिन सोमवार को कथावाचक कौशलेंद्र दास शांडिल्य ने अहिल्या उद्धार, सीता स्वयंवर, राजतिलक और श्रीराम वनवास की कथा श्रवण कराये। इस दौरान श्रद्धालु श्रीकथा श्रवण कर भाव विभोर दिखे। कथा वाचक ने कहा मुनि विश्वामित्र के बताने पर शिला रूपी गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या का उद्धार श्रीराम ने किया। मुनि विश्वामित्र ने प्रभु श्रीरामचंद्र और लक्ष्मण को साथ लेकर के मिथिला नगरी घुमाने के लिए ले गए। हरसत सूर बरसत सुमन, सगुन सुमंगल बास। रामचंद्र ने मुनि विश्वामित्र से फूलवारी में जाने की अपनी जिज्ञासा प्रकट कर फूल तोड़ने में लगे। सकल सोच करि जाई नहाए , नित्य निबाही मुनिहि सिर नाए। समय जानि गुर आयसू पाई, लेन प्रसून चले दोऊ भाई। वहीं पर जनक कुमारी स...