रामपुर, अक्टूबर 11 -- नगर में चल रही रामलीला में गुरुवार रात सीता स्वयंवर और भगवान श्रीराम द्वारा शिवधनुष यज्ञ का अद्भुत मंचन किया गया। राजा जनक द्वारा आयोजित स्वयंवर में जब विभिन्न राज्यों से आए पराक्रमी राजकुमार शिवजी के धनुष को हिला भी नहीं सके, तो जनक जी निराश हो गए। इसी बीच गुरु विश्वामित्र की आज्ञा से अयोध्या के राजकुमार श्रीराम ने सहजता से शिवधनुष को उठाकर तोड़ दिया। यह दृश्य देखते ही जनक जी का मुख प्रसन्नता से खिल उठा और उन्होंने अपनी पुत्री सीता का विवाह श्रीराम से संपन्न कराया। सीता द्वारा राम को वरमाला पहनाने का दृश्य अत्यंत भावनात्मक और सौंदर्यपूर्ण रहा। पुष्पवर्षा, शंखनाद और संगीत की मधुर ध्वनियों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। इस दौरान रामलीला कमेटी के अध्यक्ष फौजी सुशील कुमार समेत सभी पदाधिकारी एवं नगरवासी बड़ी संख्या में ...