दरभंगा, मई 6 -- दरभंगा। सीता की कर्तव्यनिष्ठा जगत विख्यात है। हम सभी सीता की तरह ही कर्तव्यनिष्ठ नागरिक बनें। सीएम कॉलेज में मैथिली एवं संस्कृत विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित व्याख्यान में कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. डॉ. देवनारायण झा ने उक्त बातें कही। भारतीय वाङ्मय में सीता विषय पर व्याख्यान देते हुए उन्होंने कहा कि मिथिला के लोग आत्मचिंतक होते रहे हैं। लोग मुक्ति को ही अपना परम लक्ष्य बनाते रहे हैं। सीतातत्व पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि सीता पुरुषार्थ चतुष्टय की देवी हैं। धर्म, अर्थ, काम एवं मोक्ष सभी इनके माध्यम से प्राप्त करना संभव है। सीता आचार, विचार, विद्या और त्याग की प्रतिमूर्ति हैं। इनके अनुकरण से सब कुछ प्राप्त करना संभव है। प्रो. झा ने ऋग्वेद, अथर्ववेद, वेदांत, सांख्य दर्शन, प...