रिषिकेष, अक्टूबर 8 -- लोककल्याण समिति की ओर से आयोजित श्री रामलीला महोत्सव के पांचवें दिन फुलवारी, रावण-बाणासुर संवाद, सीता स्वयंबर और परशुराम-लक्ष्मण संवाद के प्रसंगों का मंचन किया गया, जिसे देखकर श्रद्धालुओं में खुशी छा गई। माता पार्वती का पूजन करते समय सीता ने श्रीराम को पति रूप में पाने की कामना की। जिसके अगले दिन स्वयंवर का आयोजन हुआ। आयोजन में शर्त रखी गई कि जो योद्धा भगवान शंकर के धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, उसी के साथ सीता का विवाह किया जाएगा। राजा जनक के बुलावे पर ऋषि विश्वामित्र श्रीराम और लक्ष्मण को लेकर स्वयंवर में गए। स्वयंवर में जब सभी राजा उस धनुष को उठाने में असफल हो गए, तब श्रीराम को ऋषि विश्वामित्र ने आज्ञा दी कि वे इस धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएं। श्रीराम ने धनुष उठाया और उस प्रत्यंचा चढ़ाने लगे, तभी वह धनुष टूट गया। धनुष टूट...
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