सीतापुर, फरवरी 24 -- बिसवां, संवाददाता। सत्संग से मन ,बुद्धि और चित्त निर्मल होता है। सत्संग से ही हमें बड़ों का सम्मान व छोटों को प्यार करने का ज्ञान होता है। देश में बढ़ती हिंसा और अपराध की प्रवृत्ति में अशुद्ध खान-पान (मांसाहार) और नशीले पदार्थों के सेवन का ही हाथ है। परिवार, समाज और देश को, शान्ति-सुकून से देखना चाहते हो तो इन दोनों चीजों से दूर रहें अन्यथा कुदरत सबक सिखा देगी। यह बात जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था मथुरा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सन्त पंकज महाराज ने विकास खंड के भोलागंज गांव में सत्संग करते हुए कही। उन्होंने कहा कि सत्संग वह जल है जहां कौआ स्नान करता है तो हंस बनकर निकलता है। बड़े-बड़े राजे-महराजाओं ने अपना पूरा जीवन महलों के निर्माण में लगा दिया, लेकिन जब इस दुनिया से विदा हुए तो वह अपने साथ कुछ भी लेकर नहीं गए। कोई भी व्यक्त ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.