सीतापुर, मई 7 -- पिसावां। अंतराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान द्वारा भगवान बुद्ध के आदर्शों क एवं शिक्षा प्रसार को लेकर कस्बे के बाबू सिंह इंटर कॉलेज में सात दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप शिक्षाविद अशोक सिंह ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध का नाम बचपन में सिद्धार्थ था। बचपन से ही उनके मन में असीम करुणा भरी थी। उनसे किसी भी प्राणी का दुख नहीं देखा जाता था। यह बात इन उदाहरणों से स्पष्ट भी होती है। घुड़दौड़ में जब घोड़े दौड़ते और उनके मुंह से झाग निकलने लगता तब सिद्धार्थ उन्हें थका जान कर वहीं रोक देते और जीती हुई बाजी हार जाते थे। खेल में भी सिद्धार्थ को खुद हार जाना पसंद था क्योंकि किसी को हराना और किसी का दुखी होना उनसे नहीं देखा जाता था। ऐसे महान व्यक्तिव के धनी भगवान बुद्ध के बत...