देहरादून, जुलाई 30 -- राज्य के वर्तमान जबरन धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून को और सख्त बनाने के लिए सरकार अगस्त में गैरसैंण में होने वाले मानसून सत्र में संशोधित उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता विधेयक 2022 ला सकती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्तमान कानून के प्राविधानों को कठोरतम बनाने के निर्देश दिए हैं। वर्तमान कानून के तहत 50 हजार रुपये तक जुर्माना और 10 साल की जेल की सजा का प्राविधान है। सरकार इसे और सख्त करना चाहती है। बुधवार को सचिवालय में मीडिया कर्मियों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है। यहां सभी लोग सदभाव और शांति के साथ रहते हैं। अभी हाल में धर्मांतरण की कुछ घटनाएं सामने आई हैं। इसे बेहद गंभीरता से लिया गया है। प्रदेश में लागू कानून को और सख्त बनाया जा रहा है। इसमें ऐसे प्रावधान किए जा रहे हैं, जिससे धर्मा...