संतकबीरनगर, जून 23 -- संतकबीरनगर, निज संवाददाता। कोर्ट में चिकित्सकों को गवाही देने के लिए अब गैर जिलों तक नहीं जाना पड़ेगा। इससे न तो चिकित्सक को छुट्टी लेनी पड़ेगी और न ही मरीज को बैरंग लौटना पड़ेगा। इससे मरीजों को सहूलियत मिलेगी और चिकित्सकों को भी लंबा सफर तय करने से बच जाएंगे। अब चिकित्सकों की गवाही आन लाइन होगी। चिकित्सक मारपीट में घायल और दुर्घटना का शिकार हुए लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करते हैं। उन्हीं की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अपनी केस डायरी बनाती है और धाराएं बढ़ाती है। मारपीट से लेकर बलात्कार और हत्या तक की धारा चिकित्सक की रिपोर्ट पर तय होती है। दस वर्ष बाद चिकित्सक का तबादल गैर मंडल में कर दिया जाता है। दूसरी ओर मुकदमें वहीं के कोर्ट में चलते हैं या फिर हाई कोर्ट चले जाते हैं। न्यायालय में डाक्टर के गवाह की जरूरत होती है। ऐ...