लखनऊ, अगस्त 12 -- लखनऊ, प्रमुख संवाददाता राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों में महिला छात्रावास बनाना फिजूलखर्ची ही साबित हुआ। जिन 15 राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों में इनका निर्माण कराया गया उनमें से 11 अभी तक संचालित नहीं हो पाए। सभी हास्टल बनाने में कुल 21.22 करोड़ रुपये खर्च हुए लेकिन इसका उपयोग नहीं हो पा रहा। वर्ष 2016 में इनके निर्माण को हरी झंडी दी गई थी। निर्माण पूरा होने के सात बाद भी इनका संचालन नहीं हो पा रहा है। सात राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों जिनमें बांदा, बस्ती, हमीरपुर, कानपुर देहात, उरई, जालौन, सिद्धार्थनगर व सोनभद्र शामिल है। यहां कार्यदायी संस्था द्वारा इन राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों को महिला हॉस्टल बनाकर उसे हस्तांतरित किया गया, मगर यहां फर्नीचर न होने, सुरक्षा कारणों व अन्य बुनियादी सुविधाओं के अभाव में छात्राओं ने यहां रहन...