भभुआ, नवम्बर 2 -- (नुक्कड़ पर चुनाव/दुर्गा चौक) रामगढ़। चुनावी बयार के बीच दहशत का साया। इसका मतलब का हुआ मुराहू कक्का। रामगढ़ में हत्या, हमला, रोड जाम पर चर्चा हो रही थी। दुर्गा चौक की बैठकी में डिस्को बाबू के इस सवाल पर मुराहू सकपकाए तो भावनाथ भड़कते हुए बोले, काहे चुप्पी साध लिये भाई। यह कहने में जुबान लड़खड़ा रही है कि सिस्टम ने अबतक जो कमाया उसे ऐन मौके पर गंवाया। भयमुक्त चुनाव, कड़ी सुरक्षा, असामाजिक तत्वों पर नकेल, यह सब शब्दों का पिटारा बनकर रह गया है यार। सिस्टम का हर पायदान बस बयान बहादुर है। कार्रवाई व सुनवाई शून्य है। बटोही बाबा मायूस होकर बोले, वाकई यहां का सिस्टम बदहाल और जनता बेहाल है। आम आदमी की जान, व्यापारी का माल, किसान की फसल की सुरक्षा खतरे में। युवाओं में बेकारी फल-फूल रही और महंगाई के मारे गरीब को दाल-तरकारी मयस्सर नहीं। य...