गोरखपुर, अगस्त 5 -- गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता सिविल मामलों को आपराधिक बनाकर मुकदमा दर्ज करने की संख्या लगातार बढ़ रही है। पुलिस से सांठ गांठकर एक पक्ष दूसरे पर आपराधिक मुकदमा दर्ज करा है। जब ये मामले कोर्ट में पहुंच रहे हैं, तो पुलिस की फजीहत हो रही है। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस के इसी तरह के एक कारनामे में तल्ख टिप्पणी की थी। जिसके बाद डीजीपी ने सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को पत्र लिखकर निर्देश जारी किया है और सिविल मामलों में एफआईआर दर्ज न हो, इसकी मानीटरिंग करने का अधिकारियों को भी निर्देश दिया है। दरअसल, जब पीड़ित परेशान होता है तो उसे यह समझ में नहीं आता कि किस तरह के मामले सिविल हैं और कौन से आपाधिक। हर मामले में वह सबसे पहले पुलिस के पास ही जाता है। कुछ मामलों में पुलिस उन्हें समझाकर सही राह दिखा देती है लेकिन कई ऐसे ...
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