नई दिल्ली, मई 20 -- प्रभात कुमार नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सिविल जज की नियुक्ति को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला दिया। कहा कि न्यायपालिका के सबसे निचले स्तर पर जज बनने के लिए न्यायिक सेवा भर्ती परीक्षा में शामिल होने के लिए वकील के तौर पर न्यूनतम तीन साल की वकालत यानी व्यावहारिक ज्ञान अनिवार्य है। शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि एलएलबी उत्तीर्ण करने के बाद सीधे अभ्यर्थी को न्यायिक सेवा परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, क्योंकि एक न्यायिक अधिकारी के लिए सिर्फ किताबी ज्ञान पर्याप्त नहीं होता है। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई, न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ जिला न्यायपालिका में नियुक्त होने वाले जज के लिए अदालतों के कामकाज के अनुभव के महत्व को रेखांकित करते हुए यह फैसला दिय...