नई दिल्ली, अक्टूबर 1 -- दिल्ली हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में साफ कर दिया है कि अगर कोई संपत्ति पति-पत्नी के संयुक्त नाम पर रजिस्टर्ड है, तो सिर्फ यह कहकर कि EMI पति ने चुकाई, वह उसका एकलौता मालिक नहीं बन सकता। यह फैसला 22 सितंबर को जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की बेंच ने सुनाया।क्या है पूरा मामला? 1999 में शादी के बंधन में बंधे एक जोड़े ने 2005 में मुंबई में मिलकर एक घर खरीदा। लेकिन, 2006 में दोनों के रास्ते जुदा हो गए और पति ने तलाक के लिए अर्जी दाखिल कर दी, जिसमें क्रूरता और परित्याग का हवाला दिया। इस बीच, घर का लोन न चुका पाने की वजह से बैंक ने फ्लैट बेच दिया। लोन की राशि काटने के बाद बची 1.09 करोड़ रुपये की रकम एचएसबीसी बैंक के पास जमा थी। 2012 में पति ने इस रकम पर पूरा हक जताते हुए फैमिली कोर्ट में अर्जी द...