वरिष्ठ संवाददाता, दिसम्बर 20 -- क्या हाल में ज्यादा एक्यूआई वाले दिनों में आपको चिड़चिड़ाहट, सकारात्मकता की कमी या नींद में गड़बड़ी महसूस हुई है। अगर हां तो जान लीजिए कि ऐसा वायु प्रदूषण के कारण है। बीएचयू के मनोविज्ञान और पर्यावरण अध्ययन संस्थान के एक साझा शोध में यह तथ्य सामने आया है कि प्रदूषण सिर्फ सांस नहीं, बल्कि दिमागी बीमारियों की भी वजह है। ज्यादा प्रदूषण न्यूरोसिस, बाइपोलर डिसऑर्डर और सिजोफ्रेनिया जैसे रोगों का भी कारक बन सकता है। इस शोध पर बीएचयू से शोधार्थी डॉ. आशुतोष पांडेय को पीएचडी अवार्ड की गई है। डॉ. आशुतोष ने बताया कि अध्ययन के लिए लगभग सात शहरों को चुना गया, जिनमें ज्यादा प्रदूषण वाले शहरों नई दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, बनारस और कानपुर के साथ कम प्रदूषण वाले मध्य प्रदेश के सागर और जबलपुर जिले शामिल थे। अध्ययन को तीन भागो...
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