प्रयागराज, जुलाई 11 -- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि यदि कोई व्यक्ति भारत या किसी विशिष्ट घटना का उल्लेख किए बिना केवल पाकिस्तान का समर्थन करता है, तो प्रथम दृष्टया यह भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 152 के तहत अपराध नहीं बनता है। यह धारा उन कृत्यों को दंडित करती है जो भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालते हैं। न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल की पीठ ने यह टिप्पणी 18 वर्षीय रियाज को ज़मानत देते हुए की, जिस पर कथित तौर पर एक इंस्टाग्राम स्टोरी पोस्ट करने का आरोप था, जिसमें लिखा था, 'चाहे जो हो जय सपोर्ट तो बस..... पाकिस्तान का करेंगे।' उस पर बीएनएस की धारा 152 और 196 के तहत आरोप लगाए गए थे। रियाज के वकील ने दलील दी कि इस पोस्ट से देश की गरिमा या संप्रभुता को कोई ठेस नहीं पहुंची, क्योंकि इसमें न तो...
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