सीवान, अक्टूबर 11 -- सीवान, कार्यालय संवाददाता। सियासत में बढ़ता भ्रष्टाचार आज देश की सबसे बड़ी चुनौती है। राजनीति, जो कभी सेवा और समर्पण का प्रतीक मानी जाती थी, अब लाभ और सत्ता का साधन बन चुकी है। चुनाव से लेकर नीति निर्माण तक, हर स्तर पर धनबल और बाहुबल का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। सत्ता पाने और बनाए रखने की होड़ में ईमानदारी और नैतिकता जैसे शब्द बेमानी होते जा रहे हैं। जनता के विकास के लिए बनी योजनाओं का लाभ आम नागरिकों तक नहीं पहुंच पाता। ऐसे में, गरीब, किसान, मजदूर और आम वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित होता है। राजनीति में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी ने जनता के विश्वास को कमजोर किया है। अब जरूरत है कि राजनीतिक दल अपने भीतर सुधार लाएं, ईमानदार और स्वच्छ छवि वाले नेताओं को आगे बढ़ाएं। जब राजनीति से भ्रष्टाचार का सफाया होगा, तभी लोकतंत्र मजबूत...