नवादा, अक्टूबर 30 -- नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। सियासत में बाहुबल की बढ़ती परंपरा भारतीय लोकतंत्र के लिए एक गंभीर चुनौती है। यह वह परिघटना है, जहां आपराधिक रिकॉर्ड वाले, धन-बल से संपन्न और हिंसा का सहारा लेने वाले व्यक्ति चुनावी प्रक्रिया और राजनीतिक निर्णय को प्रभावित करते हैं। यह ट्रेंड लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों योग्यता, जनसेवा और कानून के शासन को गहरी चोट पहुंचाता है। यह बातें चाय चौपाल में नवादा के प्रबुद्धजनों ने कही। सभी की राय थी कि यह परंपरा इसलिए फली-फूली क्योंकि चुनाव जीतने की लालसा में राजनीतिक दलों ने जीतने की क्षमता को ही एकमात्र मापदंड बना लिया। बाहुबली अक्सर अपने क्षेत्र में दहशत या अत्यधिक प्रभाव के कारण वोट जुटाने में सक्षम होते हैं, जिससे ईमानदार और समर्पित उम्मीदवारों के लिए जगह कम हो जाती है। यह एक दुष्चक्र है। बाह...