सिद्धार्थ, अगस्त 5 -- सिद्धार्थनगर, निज संवाददाता। नदियों का बढ़ता जलस्तर तटवर्ती गांवों के बाशिंदों को डराने लगा है। तेजी से बढ़ती नदियों में बाढ़ आने पर तबाही मच सकती है। हालांकि, अभी किसी का भी जलस्तर लाल निशान के पार नहीं पहुंचा है। शहर के बीच से बहने वाला जमुआर नाला शांत है। उसमें बढ़त नहीं है। जिला हर साल बाढ़ की मार झेलता है। नेपाल की पहाड़ियों पर होने वाली बारिश जिले में बाढ़ लाकर तबाही की इबारत लिखती है। गांवों के गांवों सैलाब के जद में आ जाते हैं। हजारों एकड़ फसल डूब कर बर्बाद हो जाती है। कई प्रमुख मार्गों पर पानी भर जाने से आवागमन बंद हो जाता है। जिला पूरी तरह से टापू में बदल जाता है। सबसे ज्यादा मुश्किल उन गांवों के लोगों को होती है जो बाढ़ के पानी में डूबे रहते हैं या मैरुंड होते हैं। जिले में बहने वाली आमी को छोड़ कर सारी नद...