वाराणसी, सितम्बर 18 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। लक्ष्मीकुंड स्थित काली मठ संगीत समारोह की वर्षा से प्रभावित तीसरी निशा में पिता-पुत्र की जोड़ी ने सितार की झनकार से मां काली का शृंगार किया। बुधवार की शाम वर्षा के कारण विलंबित रहे कार्यक्रम में सितार की द्रुत लय की गतों ने नवीन उत्साह का संचार किया। सितार की जुगलबंदी की शुरुआत पिता-पुत्र पं. देवव्रत मिश्र एवं कृष्ण मिश्र ने राग वाचस्पति की अवतारणा से की। आलाप, जोड़, झाला के वादन के दौरान रूपक ताल और तीन ताल की बंदिशें मुखर हुईं। अंत में दुर्गा भजन 'जय जय भवानी दुर्गे रानी की धुन से वादन को विराम दिया। उनके साथ तबला पर प्रशांत मिश्र एवं नवनीत प्रजापति ने संगत की। कन्हैया दुबे केडी के संयोजन एवं संचालन में समारोह की विराम निशा में मांडवी सिंह एवं शांभवी सेठ का युगल और शिल्पा राय ने एकल कथक क...