रुद्रपुर, मार्च 3 -- कथावाचक गोपाल मणि ने गोपाल व गोसेवा पुण्य का बताया महत्व सितारगंज, संवाददाता। तीन दिवसीय धेनुमानस गौकथा से पहले प्रणामी महाराजा अग्रसेन गोशाला ट्रस्ट ने सोमवार को श्री सनातन धर्म मंदिर से पूजन के बाद कलशयात्रा निकाली। पारंपरिक वेश में सजी 108 महिलाएं सिर पर कलश लेकर किच्छा, खटीमा मार्ग होते हुए तुर्कातिसौर गौशाला पहुंची, जहां कलशों की स्थापना की गई। कथावाचक गोपाल मणि महाराज ने कहा कि 33 कोटि देवी-देवताओं का चलता-फिरता मंदिर इस पृथ्वी पर केवल गौ माता है। बीमार के लिए अस्पताल, भक्त के लिए भगवान तथा शिष्य के लिए गुरु है गौमाता। गौ की महानता की हद तो स्वयं राम-कृष्ण भी तय नहीं कर सकते। जिस गौ माता का मल गणेश के रूप में प्रथम पूजा जाता है। वो गौ माता कितनी पावन होगी। देश की सबसे पुरानी कथा गौकथा ही है। जो भक्त गौमाता की से...