मथुरा, मई 29 -- मथुरा। उप्र सिंधी अकादमी एवं सिंधी जनरल पंचायत द्वारा मंगलवार को पहली बार स्थानीय होटल में सिंधी कवि सम्मेलन कराया। इसमें विभिन्न प्रांतों के कवियों ने सिंधी कविताएं सुनाकर समां बांध दिया। उनकी हास्य, व्यंग्य, श्रृंगार, वीर आदि रसों की कविताएं सुनकर श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। कवयित्री पूजा रावलानी ने आतंकी अड्डों की मिट गई निशानी, आगरा के बाल कवि कुनाल चावला ने आओ सब मिलकर सिंधी आपस में बोलें, मुम्बई के मंथन बचानी ने अखंड भारत की मोहन जोदड़ो सभ्यता को सिंधी संस्कृति से जोड़कर कविता प्रस्तुत की। मथुरा की चंद्रा खत्री ने कुछ आ गए कुछ रह गए बाकी कविता से सिंध विभाजन का दर्द व्यक्त किया। भोपाल के कनयो शेवाणी ने अपने व्यंग कविता से हमारा सिंध कोई दिला ना पाया तक का सफर किया। रायपुर के कैलाश शादाब ने गहरे रिश्तों से ओतप्रोत तो भोपाल...
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