वाराणसी, अगस्त 2 -- वाराणसी। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और मुंशी प्रेमचंद ने बौद्धिक क्रांति का मार्ग प्रशस्त किया था। लोकमान्य ने भारतीयों को स्वदेशी पर गर्व करना सिखाया था। दूसरी ओर मुंशी प्रेमचंद ने सामाजिक भेद-भाव को खत्म करने के लिए जागरूक किया। यह बातें रामपंथ के धर्म प्रवक्ता डॉ. कवीन्द्र नारायण ने शुक्रवार को कहीं। वह लोकमान्य की पुण्यतिथि और मुंशी जी की जयंती पर लमही स्थित विशाल भारत संस्थान में हुई संगोष्ठी में बोल रहे थे। संगोष्ठी का विषय राष्ट्रवाद के उदय में लोकमान्य तिलक एवं मुंशी प्रेमचन्द का योगदान था। संगोष्ठी में डॉ. निरंजन श्रीवास्तव को तिलक सम्मान दिया गया। इस दौरान विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजीव संचालन नौशाद अहमद दूबे, अजीत सिंह टीका, डीएन सिंह, मुकेश श्रीवास्तव, गोविन्द श्री...
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