रिषिकेष, नवम्बर 20 -- श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय ऋषिकेश परिसर में गुरुवार को भारतीय दर्शन और साहित्य विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता प्रो. अधीर कुमार ने कहा कि साहित्य केवल ज्ञान की खोज नहीं करता, बल्कि उसे बोध के स्तर तक ले जाकर आत्मा का अंग बना देता है। कार्यक्रम में शोधकर्ताओं द्वारा काव्यपाठ कर विद्यार्थियों की शंकाओं का समाधान भी किया गया। प्रो. पूनम पाठक ने दर्शन को भारतवर्ष की आत्मा बताया। भारतीय ज्ञान परंपरा उत्कृष्टता केंद्र की निदेशक प्रो. कल्पना पंत ने कहा कि क्यों, कब और कैसे जैसे शब्द ही दर्शन को जन्म देते हैं। उन्होंने भविष्य में इस संगोष्ठी के अन्य सत्रों की घोषणा की। इस कार्यक्रम में भारतीय ज्ञान परंपरा के निदेशक एवं हिंदी विभागाध्यक्ष कल्पना पंत,उपनिदेशक पूनम पाठक, कला संकायाध्यक्ष प्रो. प्रशांत कुमार सिंह...