मुजफ्फरपुर, अप्रैल 27 -- मुजफ्फरपुर। प्रमुख संवाददाता साहित्य की सभी विधाओं में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करते हुए डॉ. आश नारायण शर्मा ने परंपरा और अपने समय को चित्रित किया। वे ओजस्वी कवि, समर्थ कथाकार और पारदर्शी आलोचक थे। ये बातें रविवार को थिओसफिकल लॉज, नया टोला में आयोजित प्रख्यात साहित्यकार, कवि स्व. डॉ. आश नारायण शर्मा की 92वीं जयंती पर हुए समारोह में साहित्यकार संजय पंकज ने कही। डॉ. राम प्रवेश सिंह ने डॉ. शर्मा के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर चर्चा की। डॉ. राजेश्वर प्रसाद सिंह ने उनके साथ बिताए समय का उल्लेख किया। उनके अनुज इतिहासकार पूर्व प्राचार्य एवं प्राध्यापक डॉ. राम एकवाल शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया और उनके सानिध्य में बिताए भावुक पलों को याद किया। उनके शिष्य डॉ. भोला झा ने उनके प्राचार्य काल के कुछ अनछुए पहलुओं की चर्चा की।...