नई दिल्ली, अक्टूबर 29 -- अगर बहू अपने सास-ससुर की देखभाल करने में लापरवाही दिखाती है तो इसे क्रूरता मानी जाएगी। दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में यह फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि माता-पिता संयुक्त हिंदू परिवार का एक अभिन्न अंग होते हैं। कोर्ट ने कहा कि अगर कोई जीवनसाथी उनके प्रति उदासीनता या बेरुखी दिखाता है,तो यह वैवाहिक विवाद में 'क्रूरता' को और बढ़ा देता है। जस्टिस अनिल क्षत्रपाल और हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने टिप्पणी की कि एक जीवनसाथी से यह अपेक्षा की जाती है कि वह घर के बुज़ुर्गों और अपने माता-पिता की देखभाल करे। एक वैवाहिक मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पाया कि तलाक को चुनौती देने वाली पत्नी को यह तक पता नहीं था कि उसकी सास चल नहीं पाती हैं और उनकी कूल्हे की सर्जरी हुई है। कोर्ट ने कहा कि इस तरह की लापरवाही भारत ...