मुख्य संवाददाता, जुलाई 13 -- श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में कुछ ही अवसर ऐसे होते हैं जब गर्भगृह में ज्योतिर्लिंग के बजाय स्वरूप के दर्शन होते हैं। सावन के सभी सोमवार भी उन्हीं में शामिल हैं। आप बाबा के विविध स्वरूपों का दर्शन करना चाहते हैं तो रात में दरबार आएं। हर सोमवार को सिर्फ दो घंटे ही स्वरूप दर्शन मिलेंगे। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में शाम को होने वाली सप्तर्षि आरती के बाद शयन आरती आरंभ होने तक स्वरूप के दर्शन होंगे। सावन के सोमवार पर सप्तर्षि आरती 8 बजे समाप्त हो जाएगी। ऐसे में रात 8 बजे से 10 बजे तक इन स्वरूपों के दर्शन होंगे। पूर्व महंत परिवार के वरिष्ठ सदस्य पं. ज्योतिशंकर त्रिपाठी के अनुसार रानी अहिल्याबाई द्वारा 247 वर्ष पूर्व श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार के पहले से ही सावन के सोमवार पर बाबा के स्वरूप दर्शन की परंपरा चली...