शामली, अगस्त 5 -- जलालाबाद के गांधी चौक स्थित राम कथा स्थल पर चल रही शिव महापुराण कथा मे सावन मास के चौथे व अंतिम सोमवार को कथा व्यास विवेकानन्द जी महाराज ने कहा है कि, सावन मास भगवान शिव को समर्पित एक पवित्र महीना है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा-अर्चना, जलाभिषेक और व्रत-उपवास का विशेष महत्व है। पौराणिक कथा के अनुसार, सावन मास में ही देवताओं और असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया था। इस मंथन से विष निकला, जिसे भगवान शिव ने सृष्टि की रक्षा के लिए अपने कंठ में धारण कर लिया। विष के प्रभाव से उनका कंठ नीला हो गया, इसलिए वे नीलकंठ कहलाए।मंगलवार को व्यास पूजन के साथ कथा का समापन होगा। मौके पर प्रमोद कुमार,, राजकुमार रूहेला, देवेन्द्र शर्मा, पं. राधेश्याम शर्मा, अवनीश आहुजा बोधराज नारंग, बाबूराम नायक, मदनलाल, राजेन्द्र प्रसाद, बिधराज नारंग, विपि...
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