वाराणसी, जुलाई 21 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। पांव में आलता लगाए, कांधे पर कांवर उठाए, केसरिया चोले में कांवरियों का हुजूम सावन के दूसरे सोमवार की पूर्व संध्या पर रविवार को काशी में उमड़ पड़ा। हुजूम में बहुतेरे ऐसे भी थे जिन्होंने पांव में घुंघरू भी बांध रखे थे। उछल-उछल कर चलने से अलग ही ध्वनि उनसे मुखर हो रही थी। श्रावण कृष्ण दशमी तिथि पर हजारों हजार शिव भक्तों ने बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक कर पुण्यलाभ की कामना की। दिनभर गूंजता रहा जयघोष कावरियों की टोलियां अपने अंदाज में भोलेनाथ का स्मरण करती दिखीं। दशाश्वमेध घाट से काशी विश्वनाथ मंदिर तक का क्षेत्र महादेव के जयघोष से गुंजायमान था। 'बोल बम-बोल बम, 'बोलबम का नारा है-बाबा एक सहारा है, 'हर-हर, बम-बम आदि घोष शहर में जहां-तहां सुनाई पड़ते रहे। ढलते दिन के साथ कांवरियों की भीड़ का दबाव शहर में बढ़...
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