नई दिल्ली, जून 18 -- भारतीय सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है, जिसमें मोबाइल नंबर्स और बिजनेस कॉल्स के लिए KYC (नो योर कस्टमर) फ्लेक्सिबिलिटी को खत्म कर दिया गया है और इसे अनिवार्य बना दिया गया है। यह कदम टेलीकॉम सेक्टर में पारदर्शिता, सुरक्षा, और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से उठाया गया है। आइए, इस नई पॉलिसी की डिटेल्स और इसके प्रभाव के बारे में। नई गाइडलाइंस सरकार के अनुसार, अब सभी मोबाइल नंबर्स के लिए KYC प्रक्रिया अनिवार्य होगी, चाहे वह प्रीपेड हो या पोस्टपेड। पहले, प्रीपेड यूजर्स के लिए KYC फ्लेक्सिबिलिटी थी, जहां वे बिना पूरी KYC के भी सिम कार्ड प्राप्त कर सकते थे, लेकिन अब यह विकल्प खत्म हो गया है। नई गाइडलाइंस के तहत, यूजर्स को अपनी पहचान और एड्रेस प्रूफ के साथ KYC कंप्लीट करानी होगी। यह प्रक्रिया ऑफला...